Elephant Essay In Hindi Archives - Daily Marathi News https://dailymarathinews.com Tue, 21 Dec 2021 03:44:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1.6 https://i0.wp.com/dailymarathinews.com/wp-content/uploads/2020/11/cropped-Screenshot_20201026-143025-1.jpg?fit=32%2C32&ssl=1 Elephant Essay In Hindi Archives - Daily Marathi News https://dailymarathinews.com 32 32 197191671 मेरा प्रिय प्राणी – हाथी हिंदी निबंध | Elephant Essay In Hindi | https://dailymarathinews.com/elephant-essay-in-hindi/ https://dailymarathinews.com/elephant-essay-in-hindi/#respond Tue, 21 Dec 2021 03:40:40 +0000 https://dailymarathinews.com/?p=2976 यह लेख मेरा प्रिय प्राणी - हाथी इस विषय पर एक हिंदी निबंध है। यह निबंध हाथियों की जीवन शैली, शरीर रचना और निवास पर चर्चा करता है।

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यह लेख मेरा प्रिय प्राणी – हाथी (My Favourite Animal Elephant Essay In Hindi) इस विषय पर एक हिंदी निबंध है। यह निबंध हाथियों की जीवन शैली, शरीर रचना और निवास पर चर्चा करता है।

हाथी निबंध हिंदी में | Mera Priy Pashu – Hathi Hindi Nibandh

हाथी एक बहुत ही आकर्षक जानवर है। हम बचपन से ही हाथियों की कहानियां सुनते आ रहे हैं। इतना बड़ा जानवर, लेकिन यह स्वभाव से बहुत ही शांत होता है। उसे पानी में खेलना पसंद है और वह हमेशा झुंड में रहता है।

हाथी कणाधारी वंश के स्तनधारी पशु हैं। हाथी का रंग काला होता है और इसकी ऊंचाई करीब साढ़े तीन मीटर होती है। इसकी एक लंबी सूंड, एक पूंछ और चार पैर होते हैं। दो सुपा जैसे कान यह हाथी की विशेषता है। हाथी जंगल में रहते हैं।

हाथी के बड़े सिर को गण्डस्थल कहते हैं। जब एक हाथी पागल महसूस करता है, तो वो बड़े बड़े पेड़ अपनी सूंड से उखाड़ देता है या फिर गण्डस्थल से धक्के मार कर नीचे गिरा देता हैं। चूंकि हाथी स्तनधारी होते हैं, इसलिए वे मुख्य रूप से झुंड में रहते हैं। जंगल में हाथी कभी अकेला नहीं होता।

नर हाथियों के बड़े दाँत होते हैं। मादा हाथी के दांत नहीं होते हैं। भारतीय हाथियों की पीठ भगोड़ा होती है, जबकि अफ्रीका के हाथियों की पीठ खोखली होती है। हाथियों का वजन करीब पांच से छह टन होता है। भारत में हाथी कर्नाटक, केरल, आसाम, बिहार, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।

हमें प्राचीन काल से हाथियों के संदर्भ मिलते हैं। पहले के समय में राजा-महाराजा हाथियों को अपनी सेना में शामिल किया करते थे। हाथियों पर शाही जुलूस निकाला जाता था। चूंकि युद्ध में हाथियों का उपयोग किया जाता था, इसलिए हाथियों की संख्या से राजा की प्रतिष्ठा मालूम होती थी।

यदि किसी व्यक्ति ने अक्षम्य अपराध किया है, तो उसे एक हाथी के पैरों के नीचे दिया जाता था। अधिकांश आबादी के प्रवास में हाथियों का उपयोग किया जाता था। हाथियों का उपयोग परिवहन, अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा और व्यापार के लिए भी किया जाता था।

हाथी की मृत्यु के बाद उसके दांत को निकाल कर विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है। उन दिनों हाथी के दांत का इस्तेमाल आभूषण और औजार बनाने के लिए किया जाता था। प्राचीन महाभारत युद्ध के अश्वत्थामा और स्वर्ग के ऐरावत हाथी को आज भी लोग जानते हैं।

हाथियों को पानी में नहाना बहुत पसंद होता है। जब हाथियों का झुंड पानी में प्रवेश करता है, तो वे सूंड से अपनी पीठ पर और दूसरे हाथियों पर पानी छिड़कते है। हाथी का आकार, उसकी छोटी-छोटी आंखें, उसके सुपा-समान कान सब मुझे बहुत भाते हैं। इसलिए हाथी मेरा पसंदीदा जानवर है।

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